web 3 kya hai hindi | वेब 3.0 की पुरी जानकारी हिंदी में

नमस्कार दोस्तों स्वागत है आपका आज के इस शानदार आर्टिकल में web 3.0 kya he , दोस्तों अगर हम बात करें आज से 20 साल पहले कि तो उस समय कुछ सीन 👓 ऐसा हुआ करता था कि अगर हमारे गांव में किसी एक व्यक्ति के पास भी स्क्रीन टच📱 मोबाइल रहता था तो हम उसे बहुत ही पैसे 💰वाला व्यक्ति मानते थे और यही सोचते🤔 रहते थे कि यार ! यह कैसे चलता है , कैसे काम करता है और कुछ लोग कंफ्यूज ही रहते थे और यही सोचते रहते कि ऐसा तो हो ही नहीं सकता।

पर फिर कुछ समय बाद इस प्रकार के टच मोबाइल जब गांव में आ गए हैं तो हमें विश्वास हो गया और हमने इसे अपने दैनिक जीवन में शामिल कर लिया।

दोस्त इस उदाहरण से मैं आपको बस यही समझाना चाहता हूं कि , हमरा दिमाग परिवर्तन को इतनी जल्दी स्वीकार नहीं करता सबसे पहले हमें कुछ ऐसा लगता है कि – यह तो हो ही नहीं सकता पर कुछ लोग इतने ज्यादा क्रिएटिव होते हैं कि – जो नहीं हो सकता उसे भी कर दिखाते हैं। , किसको पता था कि ऐसा भी होता सकता है – “मिसाइल अंतरिक्ष में जाकर सेटेलाइट सेट करके वापस भी आ जाएगा” लेकिन आज के समय में यह संभव है।


दोस्तों आज हम एक ऐसी ही टेक्नोलॉजी के बारे में जानेंगे जिसे हम भविष्य की सबसे बेहतरीन टेक्नोलॉजी में से एक मान सकते हैं। हम जानेंगे वेब 3.0 के बारे में वेब 3.0 क्या है और वेब 3.0 को भविष्य की टेक्नोलॉजी क्यों कहा जा रहा है।

वेब 3.0 क्या है – What is web 3

दोस्तों वेब 3.0 decentralize है। जहां पर वेब 2.0 हमसे हमारा डाटा कलेक्ट करती थी और इस डेटा का उपयोग हमें ऐड दिखाने के लिए किया जाता था और हम इसे पैसे वसूले जाते थे वहीं पर अगर हम बात करें वेब 3.0 की तो यहां हमारे डाटा के ऊपर सिर्फ हमारा ही अधिकार है यह हम निश्चित करेंगे कि हमारे डेटा का उपयोग किस प्रकार किया जाए।


दोस्तों अगर हम वेबसाइट के इतिहास पर एक नजर डालें तो इसे हम तीन भागों में विभाजित कर सकते हैं।

web generations .

1- Web-1.0

Web -1.0 की पहले जनरेशन एक ऐसी जनरेशन थी जहां पर वेबसाइट पर कंटेंट पब्लिश करने वाला केवल एक ही व्यक्ति होता था। जो कि इस वेबसाइट पर चला रहा है, इसके अलावा कोई अन्य व्यक्ति उसकी वेबसाइट में हस्तक्षेप नहीं कर सकता था।

वेबसाइट में क्या बदलाव करना है , कौन-कौन से आर्टिकल पब्लिश करना है यह सब कुछ उसी के हाथ में रहता था । विजिटर उसके वेबसाइट में कुछ भी बदलाव नहीं कर सकते थे । Web 1.0 में images , animations , & videos का use नहीं किया जाता था । यहां पर केवल कंटेंट लिखा हुआ रहता था और यहां पर ना तो ज्यादा SEO का ज्यादा यूज होता था और ना ज्यादा keywords inserting किए जाते थे । सिर्फ हाइपरलिंक के जरिए एक पेज से दूसरे पेज को कनेक्ट किया जा सकता था , यही है वेब 1.0 का इतिहास ।

2. Web-2.0

आज के समय में चलने वाले web की जनरेशन इसे हम web 2.0 के नाम से जानते हैं। आज के समय में चलने वाली सारी वेबसाइट से आप भली-भांति परिचित होंगे , क्या आपको पता है social media के जितने भी प्लेटफार्म है , जैसे Meta- ( Instagram , WhatsApp , Facebook) , Twitter , LinkedIn यह सभी वेब 2.0 के अंतर्गत आते हैं।

फर्स्ट जनरेशन में जहां हमें वेबसाइट में ना तो फोटो देखने को मिलती थी और ना ही कोई वीडियो । वहीं अगर वेब 2.0 की बात करें तो आज के समय में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर आपको यह सारी चीजें ही मिलेगी। इंस्टाग्राम पर हर दिन लाखों वीडियो अपलोड होते हैं तो आप समझ सकते हैं कि हमारा वेब 2.0 कितना ज्यादा पावरफुल है अगर हम तुलना करें वेब 1.0 से तो।

3. Web-3.0

वेब 3.0 भविष्य की टेक्नोलॉजी है। पर अब ज्यादा दिन बाकी नहीं है , हमें जल्द ही वेब 3.0 पर आधारित बहुत सी वेबसाइट देखने को मिलने वाली है। आखिर क्या है खास web 3.0 में यह जान लेते हैं दोस्तों वेब 3.0 decentralize है। जहां पर वेब 2.0 हमसे हमारा डाटा कलेक्ट करती थी और इस डेटा का उपयोग हमें ऐड दिखाने के लिए किया जाता था और हम इसे पैसे वसूले जाते थे वहीं पर अगर हम बात करें वेब 3.0 की तो यहां हमारे डाटा के ऊपर सिर्फ हमारा ही अधिकार है यह हम निश्चित करेंगे कि हमारे डेटा का उपयोग किस प्रकार किया जाए।

जैसे Google Photos पर हम हमारी फोटो अपलोड करते हैं तो यहां पर हमारी फोटो हमारे पास ना रहते हुए गूगल के सरवर में सेव होती है , यानी हम हमारी फोटो दूसरे व्यक्ति के पास में सेव करने के लिए भेजते हैं। पर वेब 3.0 में फोटो तो क्लाउड पर सेव होगी पर यह इंक्रिप्ट फॉर्म में से होगी यानी इसे सिर्फ हम ही देख सकते हैं । क्लाउड सर्विस प्रोवाइडर से नहीं देख सकते।

Web 3.0 में blockchain technology यूज में की जा रही है जो कि आज के समय की सबसे ज्यादा सिक्योर टेक्नोलॉजी में से एक है। अगर आप नहीं जानते हैं कि ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी क्या होती है तो नीचे आर्टिकल दिया है इसे पढ़े। 👇

👉 Blockchain Technology क्या है यह कैसे काम करती है


वेबसाइट की कौन-कौन सी जनरेशन है | वेब का इतिहास

Web 1.0

हम बात करें सबसे पहली वेबसाइट की तो सबसे पहले कुछ इस प्रकार की वेबसाइट होती थी जहां पर केवल एक आर्टिकल ही लिखा हुआ रहता था हम वहां पर अलग-अलग पेज को हाय पर लिंक के जरिए कनेक्ट कर सकते थे पर अगर हम बात करें इमेज और वीडियो इंसर्ट की तो फर्स्ट जनरेशन में हम हमारी वेबसाइट में इमेजेस एनिमेशन या फिर वीडियो का उपयोग नहीं कर सकते थे तो इस प्रकार की वेबसाइट यह कुछ इस प्रकार की वेबसाइट होती थी कि जहां पर विजिटर आते थे और अपनी जानकारी पढ़ कर चले जाते थे पहले की जो वेबसाइट रहती थी वह उनका साइज़ अधिक से अधिक 5MB तक का रहता था क्योंकि वहां पर जो विजिटर है उनको कोई परमिशन नहीं होती थी कि वह उस वेबसाइट में कुछ मॉडिफाई करें।

पर फिर धीरे-धीरे टेक्नोलॉजी बढ़ती गई और इसके बाद में एचटीएमएल सीएसएस जावास्क्रिप्ट जैसी वेब डेवलपमेंट लैंग्वेज आई , जिसकी मदद से हम हमारी वेबसाइट में बहुत सारे फीचर्स ऐड कर सके और उसे बहुत अच्छा डिजाइन कर सके।

web 2.0

इसी प्रकार की सेकंड जनरेशन जिसे हम वेब 2.0 कहते हैं इसका आरंभ हुआ।

वेब 2.0 हजारों लोगों को करोड़ करोड़पति अरबपति बना दिया इसके उदाहरण हम देख सकते हैं मार्क जुकरबर्ग , जैफ बेजॉस लैरी पेज और इनके जैसे कई लोग जिन्होंने शुरुआती वेब 2.0 में अपने वेबसाइट लॉन्च की थी और आज वह वेबसाइट दुनिया के टॉप 10 साइड में से एक है और इन्हीं वेबसाइट के मालिक आज दुनिया के सबसे अमीर लोगों में शामिल है।



आज के समय में चलने वाली वेबसाइट की जनरेशन 2.0 है। पर अब हमें यह बात भी जाने चाहिए कि –


वेब 3.0 की जरूरत हमें क्यों पड़ रही है।

यह सवाल हर व्यक्ति के मन में है कि आखिर हम वेब 3.0 की तरफ क्यों बढ़ रहे हैं । दोस्तों इसका एक सबसे बड़ा कारण यह है कि जो वेब 2.0 है यहां पर कुछ चुनिंदा लोग हैं जिनके पास हमारा सारा डाटा स्टोर करके रखा गया है। जिसमें से (Facebook) मार्क जुकरबर्ग और गूगल शामिल है और इसी प्रकार के और भी ये वेबसाइट यह हमारे डाटा का सही यूज भी कर सकते हैं और गलत भी , तो इसमें हमारे privacy को बहुत बड़ा खतरा है।

वेब 2.0 पर आधारित websites हमसे हमारा डाटा कलेक्ट करने पर ज्यादा जोर देती हैं। आज के समय में आप किसी भी वेबसाइट या फिर एप्लीकेशन पर चले जाइए सबसे पहले वहां पर आपसे आपकी e-mail या फिर मोबाइल नंबर मांगे जाएंगे उसी के बाद में ही आप उस web या फिर आपक access कर सकते हैं अगर आप अपना डाटा उसमें सबमिट नहीं करते हैं तो आप उस website या apps को एक्सेस नहीं कर सकते तो यही सबसे बड़ा एक कारण है कि हमसे हमारा डाटा क्यों कलेक्ट किया जा रहा है हमारे डाटा पर केवल हमारा ही स्वामित्व होना चाहिए इसलिए वेब 3.0 लाना जरूरी है वेब 3.0 में हमारा डाटा हमारे पास में ही रहेगा। कुछ भी डाटा अगर हम cloud पर शेयर करेंगे तो वह encrypted फॉर्म में जाएगा जिसे केवल हम ही डिक्रिप्ट करके देख सकते हैं।


वेब 3.0 में किस टेक्नोलॉजी का यूज होगा।

ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी

वेब 3.0 जो मुख्य फोकस है वह ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर रखा जाएगा क्योंकि ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी आज के समय की सबसे ज्यादा सिक्योर टेक्नोलॉजी है , इस टेक्नोलॉजी की मदद से हम हमारे डाटा को सिक्योर करके रख सकते हैं। ब्लॉकचेन को लगभग कोई भी hack नहीं कर सकता है क्योंकि अगर उसे ब्लॉकचेन को हैक करना है तो ब्लॉक चैन से कनेक्ट सारे कंप्यूटर को भी हैक करना पड़ेगा जो कि लगभग बहुत मुश्किल है।

दोस्तों वेब 3.0 की लगभग शुरुआत हो चुकी है और आपको इस प्रकार के वेबसाइट कुछ ही दिनों में देखने को मिल जाएंगी। दोस्तों आज इस आर्टिकल में बस इतना ही फिर मिलते हैं किसी दूसरे आर्टिकल में कमेंट करके बताएं आपको आर्टिकल कैसा लगा और यह भी बताएं कि आप अगला आर्टिकल किस विषय पर चाहते हैं धन्यवाद।

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